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बैंक इंटरव्यू कैसे होता है? (bank interview kaise hota hai?)

‘साक्षात्कार’ शब्द अक्सर हमारे मन को अनुचित आशंकाओं से भर देता है, और पेट में तितलियाँ सी महसूस होने लगती हैं| क्यूंकि यह एक महत्वपूर्ण अंतिम चरण है, कुछ घबराहट होना समझ में आता है। पर, हमें इससे ऊपर उठना सीखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उस दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। आइए हम अज्ञात के भय को दूर करते हुए, परीक्षा के इस दौर के रहस्यों को उजागर करने का प्रयास करते हैं।

बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई में प्रोबेशनरी अधिकारी (पी.ओ. - 2013) के रूप में काम कर चुकने की वजह से, मैं आपको विस्तृत रूप से बता सकता हूं कि बैंकिंग साक्षात्कार में आपसे क्या उम्मीद की जाती है।

Table of Contents
  • बैंकिंग साक्षात्कार के प्रमुख पहलू
  • बैंक साक्षात्कार में तकनीकी प्रश्न
  • बैंक में मानव संसाधन (HR) साक्षात्कार

बैंकिंग साक्षात्कार के प्रमुख पहलू

मार्केटिंग में सबसे महत्वपूर्ण चुनौती ग्राहक की जरूरतों और पसंद का पता करना होता है। इसी तरह, किसी भी युद्ध में सबसे महत्वपूर्ण पहलू विरोधियों की ताकत और कमजोरियां पहचानना होता है। किसी साक्षात्कार के लिए भी यह सच है।

यदि आप साक्षात्कार में साक्षात्कारकर्ताओं की उम्मीदें, संभावित प्रश्न आदि, का आकलन कर पाएं, या कोई आपको यह सब बता दे, तो आप साक्षात्कार की दिशा को भी प्रभावित कर सकते हैं। अगर आपने अपने साक्षात्कारकर्ताओं की अपेक्षाओं को जान लिया, तो समझिये आपने आधी लड़ाई जीत ली है। इसलिए, इस लेख में हम बैंक साक्षात्कारकर्ता की मानसिकता को समझने का प्रयास करेंगे।

आईबीपीएस (IBPS), SBI, या ऐसे ही किसी अन्य संगठन द्वारा आयोजित साक्षात्कार, किसी भी उम्मीदवार को दो प्रमुख पहलुओं पर परखने का प्रयास करेगा:

  • आपका टेक्निकल ज़्यान (जिसे आम बोलचाल में तकनीकी साक्षात्कार के रूप में जाना जाता है)।

  • आपका व्यक्तित्व, दृष्टिकोण आदि (जिसे आम बोलचाल में मानव संसाधन साक्षात्कार के रूप में जाना जाता है)।

बैंक साक्षात्कार में तकनीकी प्रश्न

बैंकिंग साक्षात्कार में, वित्तीय क्षेत्र और विशेष रूप से बैंकिंग क्षेत्र के बारे में आपसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

एक अर्थशास्त्र पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को गैर-अर्थशास्त्र पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों की तुलना में आर्थिक मुद्दों पर बहुत अधिक सवाल किये जाते हैं। हालांकि, मौलिक आर्थिक सिद्धांत और सामान्य वित्तीय जागरूकता की जांच तो सभी की होती है, जैसे की एनपीए (Non-performing assets) क्या है, मुद्रास्फीति पर सवाल, लिक्विडिटी, और अन्य मैक्रो-अर्थशास्त्र से सम्बंधित प्रश्न।

गैर-आर्थिक या गैर-अर्थशास्त्र पृष्ठभूमि के छात्रों को उनके स्नातक स्तर के विषयों पर सवाल किये जा सकते हैं। लेकिन यह निर्भर करता है कि क्या इंटरव्यू पैनल में कोई उस बैकग्राउंड का चयनकर्ता है या नहीं।

करंट अफेयर्स, जीके आदि पर आधारित प्रश्न तो किसी से भी पूछे जा सकते हैं।

जैसे की हम पहले ही बता चुके हैं, इस लेख में हमारा ध्यान साक्षात्कारकर्ता की अपेक्षाओं को समझने पर होगा, ताकि आप उन पर खरे उतरकर सफलता प्राप्त कर पाएं। तो आइए हम साक्षात्कारकर्ता के मन को समझने के अपने इस प्रयास में थोड़ा और आगे बढ़ते हैं।

बैंक में HR साक्षात्कार

यह आवश्यक नहीं है कि अलग से कोई एचआर (HR) साक्षात्कार आयोजित किया जाएगा। बल्कि कई बार, जो पैनल आपसे तकनीकी सवाल पूछेगा, वही पैनल भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में आपकी उपयुक्तता और अनुकूलता की जांच करने का भी प्रयास करेगा। जिन प्रमुख चीजों की जाँच वो लोग करेंगे, उनका उल्लेख नीचे किया गया है।

आप बैंकिंग क्षेत्र में क्यों आना चाहते हैं?

गैर-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्रों को बैंकिंग क्षेत्र में शामिल होने के अपने फैसले पर अच्छे-खासे सवाल पूछे जा सकते हैं। आपको वित्तीय क्षेत्र में जाने के अपने निर्णय के पीछे की वजह उन्हें बतानी होगी| इस मसले पर आपको अपने स्वयं के तर्क के साथ तैयार रहना होगा।

मेरा अनुभव

मेरी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड (सूचना प्रौद्योगिकी) थी, लेकिन मुझे आईबीपीएस साक्षात्कार या एसबीआई साक्षात्कार में आईटी से सम्बंधित कोई तकनीकी प्रश्न नहीं पूछा गया। लेकिन उन्होंने मुझसे यह जरूर पूछा कि क्यों मैं एक बैंक में जाना चाहता हूं, जबकी मैंने पहले सॉफ्टवेयर कंपनी में काम किया हुआ है।

मैंने उन्हें बताया कि मुझे हमेशा से फाइनेंस में रुचि थी और मैंने उस उद्देश्य के लिए IIT-Mumbai MBA पाठ्यक्रम में दाखिला भी लिया था, लेकिन बाद में मेने UPSC के लिए उसे बीच में ही छोड़ दिया।

ध्यान रखें कि साक्षात्कार का यह हिस्सा आपके चयन की संभावनाओं को बनाने या तोड़ने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस सम्बन्ध में रेडीमेड उत्तरों को कॉपी करने से बचें, क्योंकि चयनकर्ता इतने भोले नहीं होते हैं कि वे आपके झूट जो पकड़ नहीं पाएंगे।

परिवार से किसी को इस बारे में समझाने की कोशिश करें, या किसी दोस्त को, या मॉक इंटरव्यू आदि दें। यदि आप उन्हें अपने निर्णय को लेकर संतुष्ट कर सकते हैं, तो बहुत अच्छी संभावनाएं हैं कि आप अपने साक्षात्कार में भी ऐसा कर पाएंगे।

हालांकि, सबसे अच्छा पैमाना खुद को समझाने की क्षमता है। यदि आप वास्तव में बैंकिंग क्षेत्र में जाने के इच्छुक हैं, तो साक्षात्कार का यह पहलू आपके लिए चुनौती साबित नहीं होगा।

आप कब तक बैंक की नौकरी में रहेंगे?

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में कर्मियों के इस्तीफ़े की दर बहुत अधिक है। बहुत से लोग बहुत जल्दी नौकरी छोड़ कर चले जाते हैं| इसलिए, कोई भी साक्षात्कारकर्ता नौकरी की मांगों के साथ आपकी सुसंगतता जरूर जाँचेगा।

याद रखें कि बैंकिंग नौकरी कोई रॉकेट साइंस नहीं है। अधिकांश उम्मीदवार उचित मार्गदर्शन पाकर और थोड़े से अभ्यास के बाद यह काम करने में सक्षम हो सकते हैं। समस्या कुछ और है। कुछ नए अभ्यर्थी नौकरी की मांग को संभाल नहीं पाते और एक या दो साल के भीतर इसे छोड़ देते हैं। इससे बैंकों को भारी नुकसान पहुंचता है, क्यूंकि कोई भी बैंक नए लोगों को प्रशिक्षित करने में काफी समय, धन और प्रयास निवेश करता है|

मेरा अनुभव

बैंक ऑफ बड़ौदा के मेरे बैच में, लगभग 50% PO ने पहले ही साल (मेरे सहित) नौकरी छोड़ दी। मैंने इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि मुझे SBI PO और LIC AAO में चुन लिया गया था।

पैनल के साक्षात्कारकर्ता स्वयं किसी न किसी रूप में बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित होते हैं, जैसे की बैंक प्रबंधक, प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षक आदि| इसलिए उन्हें इस स्थिति की गंभीरता का पहले से ही अनुमान है। वे निश्चित रूप से एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश करेंगे, जो लम्बे समय के लिए बैंकिंग क्षेत्र में आना चाह रहा है।

क्या आप बैंक नौकरी के तनाव को संभाल सकते हैं?

तीसरा पैमाना जिस पर वे आपका आंकलन करना चाहेंगे, वो यह है कि क्या आप बैंकिंग नौकरी की मांगों और चुनौतियों को संभाल पाएंगे या नहीं। वे यह जानना चाहेंगे कि क्या आप बैंक की नौकरी की वस्तुस्थिति से परिचित भी हैं या नहीं, विशेषकर निम्नलिखित पहलुओं के बारे में।

  • काम का तनाव
  • वित्तीय जोखिम
  • बार-बार और दूरस्थ स्थानांतरण/ट्रांसफर
  • दफ्तरों का जर्जर और पुराना ढाँचा

आइए उपरोक्त कारकों पर विस्तृत नजर डालते हैं। कोई भी चयनकर्ता जानना चाहेगा कि आप भारतीय बैंकिंग नौकरी की चुनौतियों के बारे में कितना जानते हैं, और क्या आप उनके लिए तैयार हैं।

1. साल के अंत में अतिरिक्त काम और दिन के अंत की जिम्मेदारी (EOD)

बैंकिंग का काम कभी-कभी थोड़ा तनावपूर्ण हो सकता है, खासकर वित्तीय वर्ष के अंत में। मैंने नए साल की रात और होली की छुट्टियों के दौरान भी लोगों को काम करते देखा है।

यहां तक ​​कि दैनिक आधार पर आपको बैंक में लंबे समय तक रहना पड़ सकता है। व्यस्त शाखाओं में आपको कभी-कभी रात 8 बजे तक भी रुकना पड़ सकता है, क्योंकि बैंक अधिकारी (PO) EOD (एन्ड ऑफ़ डे) औपचारिकताएं पूरी होने तक बैंक छोड़कर नहीं जा सकते हैं।

2. जवाबदेही / जोखिम कारक

इसके अलावा, जवाबदेही भी एक पहलू है। बैंक में प्रति दिन बहुत वित्तीय लेनदेन किया जाता है| प्रत्येक लेनदेन को पीओ द्वारा सत्यापित किया जाता है। यहाँ त्रुटि होने की गुंजाइश बिलकुल नहीं होती है। हर उस वाउचर पर जहाँ आपका हस्ताक्षर है, वो आपकी जिम्मेदारी बन जाता है|

3. स्थानान्तरण

बैंकिंग नौकरी में (या किसी भी नौकरी में) अक्सर वह नहीं मिलता है जो आप अपेक्षा/मांग करते हैं। स्थानांतरण अक्सर होते रहते हैं, खासकर प्रशिक्षण अवधि के दौरान।

न केवल आप पूरे भारत में कहीं भी भेजे जा सकते हैं, बल्कि आपकी तैनाती ग्रामीण और अर्ध-शहरी शाखाओं में भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, मैं अपने प्रशिक्षण के दौरान एक महीने के लिए इलाहाबाद के पास एक ग्रामीण शाखा में तैनात था। मुझे वहां तक ​​पहुंचने के लिए रोज़ 30 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी।

यद्यपि स्थानान्तरण के विषय में कुछ बैंक महिलाओं के प्रति थोड़े उदार हो सकते हैं, परन्तु नौकरी के दौरान उनको कभी-न-कभी ऐसी दूरस्थ शाखाओं में सेवा करनी ही पड़ेगी। मेरी एक महिला बैचमेट लखनऊ के पास एक ग्रामीण शाखा में तैनात थी (वह लखनऊ से ही थी), लेकिन एक साल के भीतर वह इतना निराश हो गई कि उसने नौकरी छोड़ दी। ऐसा नहीं था कि नौकरी कठिन थी या माहौल अप्रिय था, लेकिन उसने यह इसलिए किया क्योंकि ज्यादातर शहरी परवरिश के कारण उसे ग्रामीण इलाकों में काम करने में असहजता हो रही थी।

यह देखा गया है कि अपनी मन-माफ़िक पोस्टिंग मिलना एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंकों की तुलना में छोटे बैंकों में आसान होता है। इसी तरह, शहरी पोस्टिंग की चाहत रखने वाले उम्मीदवार आईडीबीआई बैंक (IDBI) का चयन कर सकते हैं क्योंकि इसकी अधिकांश शाखाएं केवल शहरी केंद्रों में हैं।

कोई भी चयनकर्ता पोस्टिंग के बारे में आपके विचार जानने के लिए आपसे कुछ प्रश्न कर सकता है।

4. इंफ्रास्ट्रक्चर

आपसे कार्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर के संबंध में भी सवाल किये जा सकते हैं। हालांकि SBI जैसे कई बड़े बैंक अपने कार्यालयों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं, फिर भी कई छोटे बैंकों के कार्यालयों की परिस्थितियाँ जर्जर हैं|

यह सवाल उन उम्मीदवारों से पूछे जाने की अधिक संभावना है, जो पहले से ही कहीं और काम कर चुके हैं, जैसे की सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की निजी कंपनियों में।

एक गंभीर उम्मीदवार, जो वास्तव में बैंकिंग क्षेत्र में अपना करियर बनाने में दिलचस्पी रखता है, इन सवालों से विचलित नहीं होगा। वह नौकरी की इन सभी चुनौतियों का सामना करेगा। वैसे भी, भारतीय बैंक आने वाले समय में आधुनिकीकरण के लिए बाध्य हैं, यदि उन्हें अच्छी प्रतिभा को आकर्षित करना है और बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहना है। भविष्य आज से उज्जवल ही होगा| यकीन रखिये!

उपसंहार

जैसा कि हमने अब तक समझा, बैंकिंग नौकरी के लिए आपकी उपयुक्तता की जांच करने के लिए आपके साक्षात्कार के दौरान आपके सामने कई प्रश्न प्रस्तुत किये जा सकते हैं।

परन्तु सभी प्रश्न समान महत्व नहीं रखते हैं। यदि आप एक-दो करंट अफेयर्स या GK प्रश्नों में गलती करते हैं, तो भी यह आपके इंटरव्यू को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करेगा। परन्तु, कुछ महत्त्वपूर्ण क्षेत्र/प्रश्न हैं जहाँ आपको अच्छे से जवाब देना ही होगा (अगर ये पूछे जाते हैं):

  • आप बैंकिंग क्षेत्र में क्यों आना चाहते हैं?
  • यदि आप पहले से ही किसी अन्य बैंक में उसी पद पर काम कर रहे हैं, तो आपको नौकरी बदलने के ठोस कारण के साथ तैयार रहना चाहिए।
  • वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्रों की बुनियादी बातों का ज्ञान। यह दिखाएगा कि आप वास्तव में नौकरी में रुचि रखते हैं।
  • नौकरी के साथ आपकी संगतता (compatibility)। इस पैमाने पर आपको आंकने के लिए वे कई सवाल पूछ सकते हैं। प्रश्न सीधे हो सकते हैं, जैसे की, “क्या आप बैंकिंग नौकरी की चुनौतियों से अवगत हैं?”, या उन्हें घुमाकर भी पूछा जा सकता है, जैसे की, “आप 5 - 10 वर्षों में खुद को कहां देखते हैं?”

चयनकर्ताओं की उम्मीदों और अपेक्षाओं को जानें, और सही मानसिकता के साथ साक्षात्कार कक्ष में प्रवेश करें| अगर आपने इतना कर लिया, तो समझिये की आपने साक्षात्कार में आधी सफलता पहले ही प्राप्त कर ली!

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