post-thumb

सरकारी नौकरी के फायदे और नुकसान (Sarkari Naukri ke fayde aur nuksan)

बहुत से भारतीय निजी नौकरियों या अपने खुद के व्यवसाय की तुलना में सरकारी नौकरी अधिक पसंद करते हैं। यद्यपि यह दृष्टिकोण एक परिवार से दूसरे परिवार में और एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न हो सकता है।

यह आकर्षण उत्तर भारतीय राज्यों जैसे UP, बिहार, MP, राजस्थान, आदि में अधिक है। दूसरी ओर, कुछ राज्यों के लोग व्यापार में ज्यादा इच्छुक होते हैं, जैसे की गुजरात और पंजाब में। जबकि दक्षिणी भारत में, लोग निजी नौकरियों, प्रबंधन, आदि में अधिक रूचि लेते हैं।

हालांकि अब उत्तरी भारतीय भी बड़ी संख्या में निजी संगठनों में शामिल होने लगे हैं, और यहां तक कि स्टार्ट-अप (start-ups) में भी हाथ आजमाने लगे हैं। और अब दक्षिणी भारत के बहुत से लोग भी सरकारी नौकरियों में जाने की कोशिश कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए, अब आप दक्षिण से बहुत अधिक छात्रों को UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हुए देखते हैं। कुछ दशकों पहले तक ऐसा नहीं था| IAS की तैयारी के लिए दिल्ली एकमात्र केंद्र हुआ करता था, लेकिन अब हम कई अन्य शहरों में गुणवत्तापूर्ण कोचिंग कक्षाओं को पा सकते हैं, जैसे की हैदराबाद, बैंगलोर, लखनऊ, आदि में।

नोट

जहां तक दिल्ली का बात है, तो कोचिंग कक्षाओं के चार मुख्य केंद्र हैं:

  • IIT-दिल्ली के पास - जैसे कालू सराय, कटवारिया सराय, आदि में, मुख्य रूप से IIT की तैयारी के लिए, और IAS परीक्षा के लिए। (ज्यादातर अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए)

  • ओल्ड राजिंदर नगर - मुख्य रूप से IAS की तैयारी के लिए (अंग्रेजी माध्यम के छात्र)

  • मुखर्जी नगर - IAS की तैयारी (हिंदी माध्यम के छात्र) और अन्य एक दिवसीय परीक्षाएं जैसे SSC, बैंक, रक्षा सेवा, आदि के लिए।

  • लक्ष्मी नगर - SSC, बैंक, रक्षा सेवाओं, आदि एक दिवसीय परीक्षाओं के लिए।

लेकिन सरकारी नौकरियों का इतना क्रेज क्यों है, और अब यह देश के अन्य हिस्सों में भी क्यों फैल रहा है?
क्या सरकारी नौकरियों में भी कुछ कमियां हैं?
इसी के बारे में हम यहां इस लेख में चर्चा करने जा रहे हैं।

Table of Contents
  • सरकारी नौकरियों के लाभ
  • सरकारी नौकरियों की कमियां

सरकारी नौकरियों के लाभ (Sarkari naukri ke fayde)

हालांकि कुछ लोग सरकारी नौकरी में अभिजात वर्ग की भावना या समाज में मिलने वाले सम्मान के लिए जाते हैं। परन्तु, हम VVIP संस्कृति को बढ़ावा नहीं देना चाहते। हर काम महत्वपूर्ण है, और हर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए। इसलिए, हम इसे सरकारी नौकरियों के लाभों में से एक के रूप में सूचीबद्ध नहीं करेंगे।

न ही हम अतिरिक्त आय (यानि भ्रष्टाचार) जैसी अनैतिक चीजों को सूचीबद्ध करेंगे, जिसमें बहुत से लोग रूचि रखते हैं, और जो अक्सर सरकारी पदों पर रहने के फायदे के रूप में गिना जाता है।

इनके अलावा, सरकारी नौकरियों से जुड़े बहुत सारे सकारात्मक लाभ भी हैं। आइए उनमें से कुछ को सूचीबद्ध करें।

सरकारी नौकरियां सुरक्षित होती हैं

यह शायद कई लोगों के लिए सबसे आकर्षक विशेषता है। सरकारी नौकरी पाने का मतलब है कि आपको रिटायर होने तक, हर महीने वेतन चेक मिलता रहेगा। यह न केवल केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों के लिए सही है, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों के लिए भी सच है, जैसे कि PSU और PSB (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक)।

नोट

पहले सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी पेंशन का लाभ मिलता था। इसलिए, एक बार जब आप सरकारी नौकरी में आ जाते थे, तो इसका मतलब होता था कि आपको जीवन भर पैसा मिलेगा।

परन्तु, अब सशस्त्र बलों (यानी थल सेना, वायु सेना और नौसेना) को छोड़कर, लगभग सभी अन्य सरकारी नौकरियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया है। अब, सरकारी कर्मचारियों को अपने पेंशन फंड में कुछ राशि का योगदान करना होता है (National Pension Scheme - राष्ट्रीय पेंशन योजना नामक योजना में)।

यह वित्तीय सुरक्षा कुछ लोगों के लिए अमूल्य है, जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं और वित्तीय अनिश्चितता के तनाव को सहन नहीं करना चाहते। लंबी अवधि के निवेश की योजना बनाने के लिए (जैसे कि होम लोन प्राप्त करना) आपको लंबी अवधि की वित्तीय निश्चितता की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा, जब अचानक आने वाले बाहरी वित्तीय जोखिम की बात आती है तो सरकारी नौकरियां सुरक्षित होती हैं। उदाहरण के लिए, मैं 2008 में Perot Systems Noida (एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी) में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहा था, जब सब-प्राइम मॉर्गेज संकट (sub-prime mortgage crisis) ने विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया और दुनिया भर में कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी। हालांकि मैं अपनी नौकरी बचाये रखने में कामयाब रहा, लेकिन जिस परियोजना में मैं काम कर रहा था (आयरलैंड में एक बैंक के लिए) वह बंद हो गयी, और मुझे दूसरी परियोजना में स्थानांतरित कर दिया गया था। अगर मैं उस प्रोजेक्ट में कुछ और महीनों के लिए रहता, तो मुझे आयरलैंड जाने का मौका मिलता और इससे मेरा रिज्यूमे बहुत अच्छा हो जाता।

और आप लोगों ने हाल ही में COVID समय में देखा ही है कि कैसे दुनिया भर में नौकरियों पर असर पड़ा है। इसकी तुलना में सरकारी कर्मचारियों को वेतन में मामूली कटौती से ज्यादा कुछ नहीं झेलना पड़ा।

इसके अलावा, कई निजी क्षेत्र की नौकरियों की तुलना में सरकारी कर्मचारियों का वेतन समय के साथ बेहतर हो रहा है। अतः, यह हर तरह से एक बेहतरीन स्थिति है।

सरकारी नौकरियों में काम का तनाव कम होता है

निजी नौकरियों या अपना खुद का व्यवसाय चलाने की तुलना में, सरकारी नौकरियों और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में सामान्य रूप से काम का बोझ कम होता है। हालांकि इसके कई अपवाद भी हैं।

उदाहरण के लिए, कई सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSUs), कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, आदि में काम का अत्यधिक दबाव है।

हालाँकि, एक बात सुनिश्चित है। एक ही प्रकार के काम के लिए, एक निजी संगठन में आप जिस तनाव से गुजरेंगे, वह सरकारी नौकरी की तुलना में बहुत अधिक महसूस होगा। मैं आपको यह बता सकता हूं क्योंकि मैंने सरकारी नौकरियों, सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों, निजी नौकरियों के साथ-साथ स्टार्ट-अप में भी काम किया है।

सरकारी नौकरी में सिर्फ अपना काम पूरा करने का ही सिरदर्द होता है। यदि आप नहीं भी करते हैं, तो भी आपको नौकरी से शायद ही निकाला जाये, या गंभीर रूप से दंडित किया जाये। हां, आपको डांटा जरूर जा सकता है, तबादला हो सकता है, या ज्यादा से ज्यादा आपकी पदोन्नति रोकी जा सकती है।

इसके विपरीत, निजी नौकरियों में एक भी समय सीमा को लांघने का मतलब तत्काल फायरिंग हो सकता है। यदि आप अच्छा काम कर रहे हैं तो भी आपको नौकरी से निकाल दिया जा सकता है - जैसे की कार्यालय की अंदरूनी राजनीति के कारण, या इसलिए कि आपकी कंपनी खर्च कम करना चाहती है, या उस परियोजना को बंद करना चाहती है जिस पर आप काम कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए, Harley Davidson ने हाल ही में भारत में बाइक का निर्माण बंद कर दिया, और भारत में उनके अधिकांश श्रमिकों को निकाल दिया। कारण यह था कि वे भारतीय बाजार में पर्याप्त बाइक नहीं बेच पा रहे थे।

इसलिए, निजी नौकरियों में आप उस समय में भी तनाव महसूस करते हैं जब आप काम न कर रहे हों। यह हमेशा आपके दिमाग में रहता है। अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में आपको काम के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है यदि आप कार्यालय में नहीं हैं - आप अपना जीवन तसल्ली से जी सकते हैं।

नए व्यवसायों के मामले में यह तनाव और भी अधिक है। यदि आप एक स्टार्ट-अप चलाने की कोशिश कर रहे हैं, तो सालों तक कोई छुट्टी नहीं होगी। यदि आप कुछ दिनों तक काम नहीं भी करते हैं, तो भी आप अपने दिमाग को अपने काम से सम्बंधित चीजों से पूरी तरह मुक्त नहीं कर पाएंगे। हमेशा बहुत अनिश्चितता रहती है। मैं शैक्षिक स्टार्ट-अप का हिस्सा रहा हूं, और मुझे पता है कि चीजें कितनी चुनौतीपूर्ण होती हैं - न केवल आपका निवेश, और आपका समय, बल्कि आपका पूरा करियर और जीवन दांव पर होता है, और आपके लिए काम करने वाले लोगों की जिम्मेदारी भी कुछ हद तक आप पर ही होती है।

अध्ययन अवकाश (Sabbatical Leave)

अधिकांश सरकारी नौकरियां आपको उच्च अध्ययन और ऐसे अन्य व्यक्तिगत कार्यों के लिए 1-2 साल के लिए अध्ययन अवकाश लेने की अनुमति देती हैं। यह एक ऐसी विशेषता है, जो शायद आपको किसी प्राइवेट जॉब में नहीं मिलेगी।

उदाहरण के लिए, जब मुझे भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में PO के रूप में चुना गया, तो मुझे पता चला कि SBI के कर्मचारी उच्च अध्ययन के लिए अध्ययन अवकाश ले सकते हैं। मुझे पहले भारतीय वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के रूप में चुना गया था, और एक विंग कमांडर ने मुझे बताया कि वायु सेना भी इंजीनियरों को IIT जैसे संस्थानों में आगे पढ़ने की अनुमति देती है।

NTPC (एक PSU) में कार्यरत मेरा एक मित्र सिविल इंजीनियरिंग में M.Tech समकक्ष डिग्री प्राप्त करने के लिए एक वर्ष से अधिक समय तक न्यूजीलैंड गया था।

इसलिए, यदि आप आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं, या किसी अन्य बेहतर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो सरकारी नौकरी में जाना एक अच्छा विकल्प है।

सरकारी सुविधाएं

सरकारी नौकरियों की सबसे आकर्षक विशेषताओं में से एक है आपको मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाएं।

यदि आप एक ग्रेड ए अधिकारी हैं, जैसे IAS, IFS, जज, लेफ्टिनेंट, आदि, तो आपको बेहतरीन घरों, बंगलों, उत्कृष्ट इलाकों में रहने के लिए मिलेगा, नौकर और परिवहन वाहन, आदि मिलेंगे।

यदि आप छुट्टियों पर भी जाते हैं तो भी आपको अक्सर सरकारी गेस्ट हाउस में रहने को मिल जाता है। रेलवे कर्मचारियों (और कुछ अन्य सरकारी कर्मचारियों को भी) को परिवार के साथ हर साल एक या दो बार देश भर में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा मिलती है।

यहां तक कि अगर आप ग्रुप बी, सी सरकारी नौकरियों में हैं, तो भी आप बहुत सस्ते किराए पर सरकारी आवास की उम्मीद कर सकते हैं (यहां तक कि मेट्रो शहरों में भी)। SBI द्वारा दिया जाने वाला हाउस अलाउंस बेहतरीन है। मेरा एक दोस्त राजस्थान में SBI में तकनीकी अधिकारी के रूप में काम करता है, और उसने एक बड़ा बंगला किराए पर लिया है।

प्राइवेट जॉब में आपको सब कुछ अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। और इसलिए, लोग आम तौर पर अत्यधिक खर्च से बचते हैं, जब तक कि वे प्रति माह 2-3 लाख से अधिक नहीं कमा रहे हों।

सरकारी नौकरियों की कमियां (Sarkari naukri ke nuksan)

हालांकि सरकारी नौकरी के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ कमियां भी हैं। आपको इनके बारे में पता होना चाहिए।

सरकारी नौकरियां उतनी सुरक्षित नहीं जितना लोग सोचते हैं

हां, सरकारी नौकरियां निजी नौकरियों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। लेकिन हमेशा अपवाद होते हैं, और इस मामले में भी यही सच है। आइए देखें कैसे।

  • सरकारी नौकरी से भी आपको निकाला जा सकता है। यह प्रारंभिक परिवीक्षा अवधि (probation period) में विशेष रूप से सच है। इसलिए, आपको अपनी नौकरी के पहले कुछ वर्षों में अतिरिक्त सतर्क रहना चाहिए, कम से कम जब तक आपको स्थायी कर्मचारी नहीं बना दिया जाता। बाद में भी आपको खराब प्रदर्शन, अभद्र व्यवहार, या यहां तक कि कार्यालय की अंदरूनी राजनीति के कारण निकाल दिया जा सकता है या निलंबित किया जा सकता है।
  • कई सरकारी संगठन और सार्वजनिक उपक्रम हैं जहां कार्यालय में अंदरूनी राजनीति की बहुत खराब संस्कृति है, वरिष्ठों की चाटुकारी, भ्रष्टाचार, आदि। यदि आप नैतिक व्यक्ति हैं, जिसमे कुछ आत्म-सम्मान की भावना है, तो आपको शायद कई सरकारी संघठनो में काम करना मुश्किल प्रतीत हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके वरिष्ठ आपसे भ्रष्ट होने की उम्मीद करते हैं (उनके लिए कमाई करने के लिए), पर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो संभवतः आपको दरकिनार कर दिया जायेगा। कई ईमानदार अधिकारियों को बार-बार तबादलों और कई अन्य प्रकार की सजाओं का सामना करना पड़ा है, और यहां तक कि बर्खास्तगी का भी सामना करना पड़ा है।
  • हो सकता है कि आपके काम करने के तरीके में बहुत अधिक राजनीतिक हस्तक्षेप हो, खासकर यदि आप स्थानीय विधायकों और सांसदों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप इंडियन ऑयल में काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) को क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेदार हैं, जो गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर देने का प्रावधान करती है, तो आपको स्थानीय नेताओं के साथ काम करना होगा।
  • प्रवेश और पदोन्नति में आरक्षण अधिकांश सरकारी कार्यालयों में खराब माहौल पैदा करता है। इससे प्रतिद्वंद्वी समूहों का निर्माण होता है और मनमुटाव भी होता है। हालांकि सशस्त्र बलों के मामले में यह सच नहीं है, जहां कोई आरक्षण नहीं है। सभी के साथ समान व्यवहार किया जाता है।
  • कुछ सरकारी नौकरियां अपने काम के स्वभाव के कारण सुरक्षित नहीं हैं, जैसे, सशस्त्र बल, अर्ध-सैन्य बल, पुलिस, खुफिया ब्यूरो (IB), रॉ, आदि।

निजी नौकरियों में, लोग उम्मीद करते हैं कि उन्हें निकाल दिया जा सकता है, और इसलिए वे अपने कौशल में सुधार करने पर काम करते हैं और अक्सर नौकरी और कंपनियों स्वयं ही बदलते रहते हैं। परन्तु, अगर किसी सरकारी कर्मचारी या सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी को निकाल दिया जाता है, तो यह उसके लिए अकस्मात् घटना होती है। यह अपेक्षित नहीं होता है, और इसलिए इससे उबरना थोड़ा कठिन साबित होता ही है।

उदाहरण के लिए, कई बैंक कर्मचारी हैं जो वित्तीय मुद्दों के कारण निकाल दिए जाते हैं, और यहां तक कि अदालती मामलों में उलझ जाते हैं। जब मैं बैंक की नौकरी में था तो कई ऐसी डरावनी कहानियां सुना करता था जिसमें लोगों को रिटायर होने के बाद भी बैंक और अदालतों से नोटिस मिलते हैं।

नोट

एक बैंक अधिकारी के रूप में, आपको कई वाउचर, या ऋण दस्तावेजों आदि पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है। यह कम से कम आर्थिक रूप से एक जोखिम भरा काम है। जोखिम भरा है क्योंकि कभी-कभी आपको उन चीजों को ध्यान से पढ़ने का समय भी नहीं मिलता है जिन पर आप हस्ताक्षर कर रहे हैं (काम के गहन दबाव के कारण)।

मेरा मानना है कि भारतीय बैंक कर्मचारियों को उनके द्वारा किए जाने वाले काम और उनके जोखिम की तुलना में पर्याप्त वेतन नहीं मिलता है। 1960 के दशक में एक बैंक PO और IAS का वेतन लगभग समान हुआ करता था। तब से चीजें बहुत बदल गई हैं - मुख्यतः क्योंकि बैंक कर्मचारियों का वेतन केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा सुझाए गए संशोधनों के तहत नहीं आता है।

इसी तरह, एक बीमा अधिकारी के रूप में, आपको दावों को निपटाने, नीतियों को सत्यापित करने, आदि जैसे काम करने होंगे। ये चीजें आपके दिमाग में एक अलग तरह का तनाव पैदा करती हैं। यह उन कई कारणों में से एक है जिसके कारण मैंने बैंक ऑफ बड़ौदा, SBI और LIC में अपनी नौकरी छोड़ दी।

विकल्पों की कमी

कई सरकारी कर्मचारियों के पास अपनी नौकरी बदलने का कोई विकल्प नहीं होता है। अपने पूरे जीवन के लिए किसी बुरी नौकरी या किसी बुरी संस्कृति वाले संगठन में फंसने की कल्पना करें। यह एक अंतहीन दुःस्वप्न हो सकता है!

निजी क्षेत्र के अधिकांश कर्मचारियों के साथ ऐसा नहीं है। आप हमेशा अपने कौशल में सुधार कर सकते हैं और अपनी नौकरी बदल सकते हैं। दरअसल, यह एक चलन ही है। हर कोई ऐसा करता है। इस तरह लोग एक या दो साल के भीतर अपने वेतन में 50%, 80% की वृद्धि भी कर लेते हैं।

मेरा एक दोस्त दिल्ली में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में 6 लाख प्रति वर्ष के पैकेज पर शामिल हुआ। कुछ ही सालों में, और 2-3 कंपनी बदलने के बाद, वह प्रति वर्ष 24 लाख कमा रहा था।

हालाँकि यदि आप किसी अच्छी सरकारी नौकरी जैसे IAS, IPS, सशस्त्र बल आदि में काम कर रहे थे, तो आपको किसी निजी कंपनी में आसानी से अच्छी नौकरी मिल जाएगी। परन्तु, यह सभी सरकारी नौकरियों के लिए सच नहीं है।

खराब बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर)

अधिकांश सरकारी कार्यालयों में बुनियादी ढांचा उतना अच्छा नहीं होता है जितना आपको निजी संगठनों में मिलेगा। बस किसी सार्वजनिक बैंक और फिर किसी निजी क्षेत्र के बैंक में जाएं, और आपको अंतर साफ़ दिखाई देगा।

नोट

जब मैं LIC कार्यालय गया, तो मैंने देखा कि वहां पुरानी फाइलें और टेबल पंखे, कूलर, आदि थे। यह माहोल मेरे लिए अजीब सा था| ऐसे ही, मैं इलाहाबाद के पास एक ग्रामीण शाखा में तैनात था, जब मैं इलाहाबाद में PO था। मुझे वहां जीवित यापन करना अत्यंत कठिन लगा, क्योंकि मुझे बड़े मेट्रो शहरों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने की आदत थी।

मेरे पिता एक न्यायाधीश थे, पर मैंने कभी भी कानून के छेत्र में आने की कोशिश नहीं की, क्योंकि मुझे अदालतों के माहौल से नफरत थी। हालांकि यह अनुभव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है।

हालाँकि, यह बहुत से लोगों के लिए इतना बड़ा कारक नहीं होता है। साथ ही, आजकल कई सरकारी संगठन भी अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए एक अच्छा बुनियादी ढांचा और स्वस्थ कार्य संस्कृति बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, क्या आपने देखा है कि हाल ही में कितने रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण किया गया है, कितने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) कार्यालयों का नवीनीकरण किया गया है, आदि।

उपरोक्त के अलावा, निजी संगठनों में काम करने के और भी कई फायदे हैं।

  • अधिकांश निजी नौकरियों में आपका तबादला नहीं होगा, और हो सकता है कि आप किसी बड़े शहर में ही अपना जीवन यापन करें। हालाँकि आपको क्लाइंट-साइड, या मार्केटिंग ट्रिप पर जाना पड़ सकता है। इनमें से कुछ यात्राएं देश के बाहर भी हो सकती हैं, और अगर ऐसा है तो इसके लिए आपको बहुत अच्छा पैसा भी दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, विदेशी ऑन-साइट असाइनमेंट (foreign on-site assignments) शायद सॉफ्टवेयर कंपनियों में काम करने की सबसे आकर्षक विशेषता है। यदि आप भारत में प्रति माह 1 लाख कमा रहे हैं, तो आप अगले महीने जैसे ही USA, UK, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आदि देशों में जाते हैं, वैसे ही आपको प्रति माह 4-5 लाख मिलना शुरू हो सकते हैं। बस दो-तीन साल बाहर बिताएं, और लाखों, और यहाँ तक कि करोड़ों की बचत के साथ वापस आएँ (यदि आप ईमानदार हैं, तो सरकारी नौकरी में इतनी कमाई करने में शायद आपको 15-20 साल लगेंगे)।
  • कई निजी संगठन अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देते हैं (सप्ताह में कम से कम 1-2 दिन), और आपके दफ्तर आने-जाने के समय में भी लचीलापन हो सकता है (flexible hours - अर्थात कोई निश्चित कार्यालय समय नहीं)। यह कोरोना काल से पहले भी सच था, लेकिन अब उससे भी ज्यादा। हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस तरह का काम करते हैं। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, कंटेंट डेवलपर, डिजिटल मार्केटर, या एक ग्राफिक डिजाइनर आसानी से घर से काम कर सकता है, लेकिन मार्केटिंग करने वाले, या सुरक्षा वाले लोग नहीं।
  • निजी संगठनों में अधिक रचनात्मक स्वतंत्रता मिलती है। आप ऐसे माहौल में अपनी क्षमताओं का अधिक पता लगा सकते हैं, और उन्हें समुचित रूप से विकसित कर सकते हैं। इसके विपरीत, सरकारी नौकरियों में सब कुछ नियमों और पहले से बनी प्रक्रियाओं से करना पड़ता है।
  • अधिकांश निजी संगठनों में सप्ताहांत (weekend) बंद रहता है। परन्तु, कई सरकारी संगठनों में ऐसा नहीं है - वहां अक्सर शनिवार कार्य दिवस होता है। आपको इसका पता लगाना होगा। उदाहरण के लिए, जीवन बीमा निगम (LIC) में 6 दिन का सप्ताह होता है, लेकिन अधिकांश गैर-जीवन बीमा कंपनियों में केवल 5 दिन ही काम होता है।
  • कई निजी संगठन हैं जो अपने कर्मचारियों को उच्च अध्ययन के लिए छुट्टी पर जाने की अनुमति देते हैं। कम से कम आप IMT-गाजियाबाद, या FMS-दिल्ली जैसे कॉलेजों से एक्जीक्यूटिव MBA (executive MBA) तो कर ही सकते हैं।
  • कई निजी संगठनों में काम का बोझ काफी हल्का होता है। जब मैं नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था तो हम कॉन्फ्रेंस और ट्रेनिंग रूम में घंटों कंप्यूटर गेम खेलते थे। हमें 1 साल बाद ही गंभीर काम मिलना शुरू हुआ। हालांकि यह एक संगठन से दूसरे में भिन्न होता है, और यदि आप निजी क्षेत्र में हैं तो बेकार बैठे रहना वैसे भी एक बुरा विचार है। अब, इसकी तुलना कई सरकारी नौकरियों में काम के दबाव से करें, जैसे बैंक, पुलिस, आदि। इन लोगों को अच्छी संख्या में छुट्टियां भी नहीं मिलती हैं।
  • अधिकांश निजी कंपनियों में भर्ती प्रक्रिया सरकारी नौकरियों की तुलना में बहुत तेज और पारदर्शी है।
  • यदि आप मेहनती और कुशल हैं तो आप सरकारी क्षेत्र की तुलना में निजी क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास करेंगे।

उपसंहार

याद रखें, अंतिम निर्णय आपका होना चाहिए - आपके मित्रों या, या आपके माता-पिता का नहीं। उम्मीद है, आपको इस लेख से पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी, जिससे आप सूचित निर्णय ले पाएंगे।

मेरी सलाह होगी कि आप कोई निजी नौकरी चुनें या खुद उद्यमी बनें यदि आप इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं कि आप क्या करना चाहते हैं, और किसी चीज़ में बहुत कुशल हैं, जैसे किसी तकनीकी क्षेत्र, वित्त, कला, आदि में। निजी कंपनियों और कॉर्पोरेट जगत में, यदि आपके पास ज्ञान और कौशल है, तो आप राजा हैं।

नोट

आपने अक्सर निजी क्षेत्र में “विकास (growth)" शब्द सुना होगा - मैं बढ़ना चाहता हूं, इस संगठन में विकास की संभावना तेज है, आदि। विकास से लोगों का मतलब है - अधिक कौशल, अधिक शिक्षा, और अधिक पैसा। ये चीजें अक्सर सहसंबद्ध होती हैं। इस तरह आप निजी क्षेत्र में बढ़ते हैं।

सरकारी नौकरियों में, निश्चित समय पर पदोन्नति होती है, जो आपको हर कुछ वर्षों में एक बार मिलेगी। आपका वेतन भी हर साल नहीं बढ़ाया जाएगा।

अधिकांश निजी संगठनों में, हमेशा वार्षिक मूल्यांकन होता है, और आपका वेतन हर साल बढ़ेगा (जो आपके प्रदर्शन पर आधारित होता है, और कुछ हद तक आपके प्रबंधक के साथ आपके संबंध पर भी)।

मगर अगर आप सिर्फ नौकरी पाना चाहते हैं, और जल्द-से-जल्द घर-गृहस्ती बसाना चाहते हैं, तो सरकारी नौकरी के लिए जाइए।

यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि आप क्या चाहते हैं और आप क्या कर सकते हैं। यदि आप वास्तव में स्वयं को समझते हैं, तो आप सही निर्णय लेंगे। ऐसा करियर चुनें जो आपको पसंद हो, और आपको वह जीवन शैली प्रदान करे जो आप चाहते हैं। दूसरों को खुश करने या किसी को यह दिखाने के लिए करियर का चयन न करें कि आप कितने प्रतिभाशाली या मेहनती हैं।

जीवन का पाठ

चाहे आप निजी नौकरी में हों या सरकारी नौकरी में, सुनिश्चित करें कि आप कम से कम एक चीज़ में उत्कृष्ट हों। कुछ ऐसा जो आपकी प्राथमिक नौकरी खोने की स्थिति में आपका वैकल्पिक करियर हो सकता है। यह किसी विषय में पढ़ाना हो सकता है, कुछ व्यवसाय, ब्लॉगिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, ऐप डेवलपमेंट, आदि। यह सुनिश्चित करेगा कि आप कभी भी तनाव में नहीं आएंगे और अपने जीवन में कभी भी आपको वित्त से संबंधित चिंता से पीड़ित नहीं होना पड़ेगा।

दूसरा तरीका कुछ संपत्ति (assets) बनाना है (संपत्ति ऐसी चीजें हैं जो आपके लिए पैसा बनाती हैं)। कुछ बचत करें, एक छोटी कंपनी बनाएं (जिसका अर्थ है कि दूसरे आपके लिए काम करेंगे), कुछ निष्क्रिय आय स्रोत बनाएं, आदि।

अतः, अपने कौशल को बढ़ाते रहें, और संपत्ति (assets) भी बनाते रहें। अगर आप ऐसा कर सकते हैं, तो आपको कभी भी अपने जीवन में पैसों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी!

Share on: