एल्गो ट्रेडिंग क्या होती है?
हालांकि अधिकांश भारतीय व्यापारी/ट्रेडर मैन्युअल रूप से व्यापार करने के आदी हैं, स्क्रीन के सामने घंटों बैठे रहते हैं, अपने विवेक, नियमों और अंतरात्मा की भावना के आधार पर व्यापारिक निर्णय लेते हैं। परन्तु, ट्रेडिंग करने का एक नया तरीका तेजी से उभर रहा है, जिसे एल्गो ट्रेडिंग (algo trading) कहा जाता है।
वास्तव में, अधिकांश पश्चिमी देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में, एल्गो ट्रेडिंग का अधिक व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार, USA में 90% ट्रेडिंग एल्गो ट्रेडिंग ही होती है, बाकी केवल 10% विवेक-आधारित ट्रेडिंग (discretion-based trading) होती है। भारत में भी यह चलन तेजी से बढ़ रहा है।
हालांकि कुछ भारतीय खुदरा निवेशक एक दशक से अधिक समय से एल्गो ट्रेडिंग कर रहे हैं, यह चलन वास्तव में पिछले 3-4 वर्षों से ही बढ़ने लगा है। इस लेख में, हम इस नए चलन पर कुछ प्रकाश डालेंगे।
एल्गोरिथम ट्रेडिंग (Algorithmic trading) को एल्गो ट्रेडिंग, सिस्टमैटिक ट्रेडिंग या क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Algo trading, Systematic Trading, or Quantitative trading) के रूप में भी जाना जाता है।
- एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या होती है?
- एल्गोरिथम ट्रेडिंग के लाभ
- एल्गो ट्रेडिंग के बारे में कुछ टिप्स
एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या होती है?
एल्गोरिथम ट्रेडिंग एक तरह की ट्रेडिंग है जिसमें हम कंप्यूटर में ट्रेडिंग के नियमों को दर्ज करते हैं और उन नियमों के आधार पर इसे लाइव मार्केट में ट्रेड करने देते हैं। तो, मूल रूप से कंप्यूटर हमारी ओर से ट्रेड करता है।
नियमों को कुछ प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करके प्रोग्राम किया जाता है, उदा. ट्रेडिंगव्यू में पाइन स्क्रिप्ट (Pine Script in Tradingview). आजकल, व्यापारियों के लिए कुछ ग्राफिकल इंटरफ़ेस सॉफ़्टवेयर भी उपलब्ध हैं, जिनमें उन्हें कोड करने की आवश्यकता नहीं होती है, जैसे कि स्ट्रीक/Streak (ज़ेरोधा/Zerodha द्वारा), ट्रेडट्रॉन (Tradetron), आदि।
तो, एल्गो ट्रेडिंग मानवीय कारक को हटा देती है। आपका ट्रेड उतना ही अच्छा होगा जितना आपका लॉजिक और कोडिंग।
आजकल बाजार में कई रेडीमेड एल्गो सॉफ्टवेयर और एल्गो स्क्रिप्ट उपलब्ध हैं। आप उन्हें खरीद सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। हालांकि, यह बहुत जोखिम भरा हो सकता है।
कभी भी ऐसे एल्गो/स्क्रिप्ट का प्रयोग न करें जो आपको समझ में न आए। केवल उन एल्गो/स्क्रिप्ट्स का उपयोग करें जो ओपन सोर्स (open source) हैं, या जिन्हें आप पढ़ और समझ सकते हैं - देखें कि वह कोड क्या कर रहा है, इसके नुकसान जानें, इसमें शामिल जोखिम, बैकटेस्टिंग करें, और उसके बाद ही लाइव मार्केट में इसका उपयोग करने के बारे में सोचें।
बैकटेस्टिंग के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारा यह लेख पढ़ सकते हैं।
एल्गोरिथम ट्रेडिंग के लाभ
- चूंकि एल्गोरिथम व्यापार नियम आधारित व्यापार है और कंप्यूटर द्वारा किया जाता है, इसमें कोई भावना शामिल नहीं होती है। कंप्यूटर डरता या लालची नहीं होता। इसलिए, एल्गो ट्रेडिंग करके आप तर्क आधारित, भावनाहीन ट्रेडिंग सुनिश्चित करते हैं।
- यह आपके लिए बहुत समय बचाता है। आपको लगातार स्क्रीन के सामने बैठने की जरूरत नहीं है।
एल्गो ट्रेडिंग के बारे में कुछ टिप्स
- हालांकि एल्गो ट्रेडिंग हमें स्क्रीन से दूर रहने की अनुमति देती है, लेकिन कुछ ट्रेड ऐसे हैं जहां हमें सतर्क रहना चाहिए और लाइव ट्रेड की निगरानी करनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप विकल्प (options) बेच रहे हैं तो सुनिश्चित करें कि आप लाइव ट्रेड की निगरानी कर रहे हों। यहां तक कि अगर आपने स्टॉप लॉस लगा रखा है, तो भी कभी-कभी स्टॉक एक्सचेंज ऑप्शन सेलर्स द्वारा लगाए गए स्टॉप लॉस को हटा देता है। इससे पहले भी कई व्यापारियों को भारी नुकसान हो चुका है। केवल आप ही ऐसी गड़बड़ियों का पता लगा सकते हैं, आपकी एल्गो स्क्रिप्ट नहीं।
- आदर्श रूप से, आपको एल्गो रणनीतियों में भी विविधता लानी होगी। आपको समवर्ती रूप से 4-5 रणनीतियों का उपयोग करना चाहिए। यदि ये रणनीतियाँ एक-दूसरे की पूरक हैं, तो आपको और भी बेहतर परिणाम मिलेंगे - जैसे कि अगर एक रणनीति का लाभ दूसरे में नुकसान को कवर करता है।
उपसंहार
भारत में एल्गो ट्रेडिंग अभी रफ्तार पकड़ रही है। हालांकि यह लंबे समय से बड़े संस्थागत निवेशकों (institutional investors) के लिए उपलब्ध है, लेकिन भारतीय खुदरा निवेशकों (retail investors) को भी इसका स्वाद मिलना शुरू हो गया है। भारत में अधिकांश प्रमुख दलाल/ब्रोकर अभी भी खुदरा व्यापारियों को यह सुविधा प्रदान करने की प्रक्रिया में हैं।
अभी तक, बाजार में कई तृतीय-पक्ष वेबसाइटें उपलब्ध हैं जो प्रमुख ब्रोकर ऐप (जैसे ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स, आदि) और एल्गो प्लेटफॉर्म (जैसे ट्रेडिंगव्यू/Tradingview, एमिब्रोकर/Amibroker, आदि) के बीच एक सेतु का काम करती हैं। उदाहरण के लिए, algomojo, nextlevelbot, आदि। हालांकि, यह एक बहुत तेजी से बदलते बाजार है, नए खिलाड़ी विकसित हो रहे हैं, ब्रोकर अपने प्लेटफॉर्म पर नई कार्यक्षमता के साथ आ रहे हैं, SEBI एल्गो ट्रेडिंग और इन थर्ड-पार्ट ऐप्स/वेबसाइटों के संबंध में नए नियमों के साथ आ रहा है। इसलिए सतर्क और चौकस रहें।
उदाहरण के लिए, ज़ेरोधा में एल्गो ट्रेडिंग सेमी-ऑटोमैटिक है। यहां तक कि अगर आप स्ट्रीक/Streak का उपयोग करते हैं, तो एल्गोस आपको केवल ज़ेरोधा ऐप पर खरीदने और बेचने का अलर्ट देगा। आपका व्यापार स्वचालित रूप से निष्पादित नहीं होगा। ट्रेड को निष्पादित करने के लिए आपको अभी भी ज़ेरोधा ऐप में “OK” बटन पर मैन्युअल रूप से क्लिक करना होगा। हालांकि इसके लिए एक समाधान है - इसे स्वचालित करने के लिए आप एक Google क्रोम एक्सटेंशन इंस्टॉल कर सकते हैं जो स्वचालित रूप से आपके लिए “OK” पर क्लिक करेगा (अगर स्क्रीन स्लीप मोड में नहीं है)। हालांकि ज़ेरोधा हमें ट्रेडिंगव्यू चार्ट देखने की अनुमति देता है, हम अभी तक ज़ेरोधा में उसपर बने एल्गो को निष्पादित नहीं कर सकते हैं।
सफल लोग कोई अलग काम नहीं करते, वे उन्ही कामों को अलग तरह से करते हैं। हो सकता है कि एल्गो ट्रेडिंग ट्रेडिंग का वह अलग तरीका हो। इसका परीक्षण करें। छोटी शुरुआत करें, और देखें कि क्या यह आपके लिए कारगर सिद्ध होता है।